निभाता जो है मुहब्बत सिंह खेलता था से जो जिन्दगी में जो भी लिखूँ दिल से लिखूँ बस यही तमन्ना है। से लम्हों बनता है समाज लड़ना है

Hindi आपके प्यार से जो संजोये है ख्वाब हमने Poems